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काम वाली बाई के साथ चुदाई

desi chudai ki kahani

मुझे सेक्स की बहुत तलब लग रही थी. मगर कोई मिल नहीं रही थी. उन्हींदिनों मेरा माँ को कामवाली की जरूरत थी. मैंने सोचा कि कोई सेक्सी कामवालीमिल जाए तो.दोस्तो, एक बार फिर से मैं आपका अपना दोस्त राज, अपनी एक और सेक्स कहानीलेकर हाज़िर हूँ. आज की सेक्स कहानी भी मेरी अपनी ही आपबीती है.मैं सेक्स का अब आदी हो गया था क्योंकि जब मैं घर से बाहर था, तब तो मुझे कभी भी कोई भीगर्लफ्रेंड सेक्स के लिएमिल ही जाती थी. पर अब मेरी नौकरी मेरी अपने शहर में लग गयी थी और मैं घरपर ही पिछले तीन महीनों से था. मुझे सेक्स की बहुत तलब लग रही थी. मगर मुझेसेक्स करने को कोई मिल नहीं रहा था.

फिर मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया. मेरी मां एक काम करने वाली ढूँढ रही थीं, क्योंकि हमारी पुरानी कामवाली काम छोड़ कर चली गयी थी.मैंने अपने सेक्स को लेकर शैतानी भरा आइडिया सोचा. मैंने अपने दोस्तों से कहा कि कोई मस्त भाभी टाइप की काम वाली दिलवाओ.फिर क्या था दोस्तों ने कामवाली ढूँढना शुरू कर दीं और कामवालियां घर आना शुरू हो गईं.दो तीन कामवालियों को मां ने मासिक वेतन तय ना कर पाने के कारण भगा दिया. bua ki sath chudai

फिर मैंने मां से कहा- अब पहले मैं किसी कामवाली से मिलूंगा. तुम पैसेकी बात नहीं कर पाती हो, मैं बात करूँगा और मैं ही उसे पैसे के लिए सैट करलूंगा.मां ने हामी भर दी.दोस्तो, दो-तीन कामवालियां आईं, पर मुझे समझ नहीं आईं.फिर एक मेरा दोस्त रजत घर आया हुआ था और उसे ऐसे ही मां ने कामवाली केलिए बोल दिया. उसने बताया कि उसके घर के पास एक भाभी रहती है, जो किजरूरतमंद है. उसका पति दारू पीता है और उसने कर्ज़ा भी कर रखा है. वो हीकाम करती है.मैंने कहा- बता दो यार. 

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हमें ऐसी ही काम वाली चाहिए थी जो कि पूरे दिन घर पर रहे क्योंकि मेरी मां अब काफी वृद्ध हो चुकी हैं और उनसे काम नहीं होता है.बस फिर क्या था, मैंने बिना कुछ देखे उसे रजत को बोल दिया कि उससे बात करके कल से काम पर भेज देना.रजत का रात में कॉल आ गया कि उसने बात कर ली है, वो भाभी कल से काम पर घर आ जाएगी.मैं रात भर यही सोचता रहा कि वो काम वाली दिखने में न जाने कैसी होगी.खैर दूसरी सुबह जब वो काम वाली घर पर आई दोस्तो  मैं क्या बताऊं मैं तो बस उसे देखता रह गया. maid servent ki sath chudai

हल्का सांवला सा रंग, प्यारा सा चेहरा और उसका मस्त फिगर आह मैं तोबस उसके दूध ही देखे जा रहा था. मैंने उसे बात वात की और फिर मैं काम परचला गया.अब मैं बस मौके की तलाश में था कि कब काम वाली भाभी के साथ सेक्स का मजाले सकूँ. कुछ दिन निकल गए. मैं जब शाम को जब घर जाता, वो मेरे लिए चायबनाती और खुद के लिए भी.वो साथ में बैठ कर ही चाय पीती और मैं उससे उसके घर की बातें करता.वो हर बार मुझसे कहती कि मेरे पति को भी अपनी फॅक्टरी में लगवा दो.

मैंने कहा- ठीक है लगवा दूँगा.मैं इंतज़ार में था कि कब मैं अकेले में उसे मिलूं. उससे पहले मैंने सोचा एक दो बार ट्राइ करता हूँ.संडे को मैं घर पर ही था. भाभी सुबह काम करने आई. वो मेरे रूम में जैसेही घुसने वाली थी और मैं निकलने लगा. इस बहाने मैंने उसके दूध पर हाथ लगादिया. वो कुछ नहीं बोली. फिर मैंने उससे अपने कमरे चाय मंगवाई और उसे बातेंकरने लगा.मैं- सुना है कि तुम्हारा पति बहुत दारू पीता है?

मेरा इतना पूछना था कि वो एक पीड़ित औरत एकदम से भावुक हो गयी. वो मुझेसब कुछ बताने लगी. इसी बीच मैंने उससे बातों ही बातों में पूछ भी लिया किवो तुम्हें खुश भी नहीं कर पाता होगा?उसने बोला- अब क्या बताऊं आपको आप तो सब जानते ही हैं.इतना कह कर वो मुस्कुरा कर चली गयी.मैं समझ गया कि ये जल्दी ही लंड के नीचे आ जाएगी और मैं चुत के लिएज़्यादा भूखा नहीं रहूँगा. मुझे अब मेरी प्यास बुझती दिख रही थी.अब मैं उसे यहां वहां टच करने लगा था, जिसका वो बुरा नहीं मानती थी. एकदो बार तो मैंने केवल अपने तौलिया बाँध कर उसे अपने फनफनाते लंड के उभार कोभी दिखाया. उसके सामने लौड़े को मसल कर उसे इशारा भी दिया. वो बस लंड देखतेहुए मुस्कुराते हुए चली जाती थी. desi chudai story

एक दिन मैंने कमरे में नंगे लेट कर उसके आने तक लंड खड़े रखा. वो जैसे हीकमरे में आई, मैं आंखें बंद करके सो गया. वो मेरे लंड को देखती रही औरहल्के से खांस कर अपने आने का इशारा किया मैंने आंखें खोलते हुए अपने लंडको सहलाया और उसे अचानक से देखने की एक्टिंग करते हुए लंड पर चादर खींचली.मैंने उससे पूछा- अरे भाभी, तुम कब आईं, मैं बस अभी आपको ही याद कर रहा था.उसने हंस कर कहा- हां, वो मुझे दिख रहा था.मैं हंस दिया और उसको करीब आने का कहा. वो हंस कर ‘न बाबा न आपका वो बहुत गुस्से में है.’ कह कर बाहर चली गई.

फिर क्या था मैं उसे चोदने के फेर में रहने लगा. अब वो मुझसे और भीकरीब आती जा रही थी. मैं अक्सर उसके सामने नंगा होकर लंड सहलाने लगता था औरवो बस लंड देख कर मुस्कुरा देती थी.फिर वो दिन आ ही गया. मां पड़ोस के लोगों के साथ कहीं बाहर गई थीं. जातेसमय मां ने कामवाली भाभी से कहा- तुम देर तक रुक जाना क्योंकि राज अकेलाहै.उन सभी के जाते ही मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मैंने उस दिन ऑफिस से छुट्टी ले ली और घर पर ही रुक गया था.

आज मेरी सेक्स की प्यास इतनी अधिक बढ़ गयी थी कि मुझसे रुका ही नहीं जारहा था. जैसे ही वो मेरे कमरे में सफाई करने आई, मैंने पीछे से उसे पकड़लिया. वो एकदम से सहम गयी.वो मुझसे खुद को छुड़ाने लगी. मैंने उसे नहीं छोड़ा और उसकी गर्दन को चूमने लगा. मैंने उसके दूध दबाना चालू कर दिया था.उसने शुरू में तो कहा- नहीं साहब ये ग़लत है.पर एक से दो मिनट के बाद ही वो मेरा साथ देने लगी और अपनी गांड मेरे लंडपर रगड़ने लगी. अब उसकी आंखें बंद थीं और वो मेरे चुंबनों का मज़ा ले रहीथी.मैंने देर ना करते हुए उसे अपनी तरफ घुमाया और उसके होंठ चूसने लगा. वोभी मेरे होंठ चूसने में बराबर का साथ दे रही थी. मैं उसके मम्मों से भी खेलरहा था.फिर मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और वो चुपचाप मेरा साथ दे रही थी.मैंने उसकी साड़ी उतार दी और उसके ब्लाउज के बटन खोल कर उसके मम्मे बाहरनिकाल लिए. मैं बारी बारी से उसके मम्मों को चूसने लगा. बड़े ही मस्त दूध थे और उसके निप्पल भी एकदम भूरे और कड़क हो उठे थे. 

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मैं अगले दस मिनट तक उसके मम्मों से ही खेलता रहा.वो इठला कर बोली- अब दूध खत्म हो गया होगा … मलाई खा लो.मैं समझ गया कि मलाई की दुकान नीचे है. मैंने उसे पूरी नंगी कर दिया औरदेरी ना करते हुए उसकी चुत पर अपना मुँह रख दिया. जैसे ही मैंने अपनी ज़बानचुत पर लगाई, उसके मुँह से हल्की सी सिसकारी निकल गई. फिर वो चुत चुसाई केमज़े लेने लगी.वो गांड उठाते हुए चुत चटा रही थी. बोली- आंह ऐसा मज़ा तो आज तक मुझेकिसी ने नहीं दिया और चाटो साहेब मेरी चुत में बड़ी आग लग रही है.

मैं मज़े से उसकी चुत का रस पी रहा था. एक मिनट बाद मैंने एक उंगली भीउसकी चुत में डाल दी. उसकी चुत बहुत टाइट थी, ऐसे जैसे बहुत दिन से चोदी नागयी हो.अब वो मुझसे कहने लगी- क्या मुझे ऐसे ही तड़पाओगे … मुझे भी दिखाओ अपना.मैंने तुरंत अपना लंड उसके हाथ में दे दिया.उसने देरी ना करते हुए उसे मुँह में ले लिया और मैं भी बहुत मज़े से उसको लंड मुँह में दिए जा रहा था.करीब दस मिनट मुँह में लंड लेने के बाद वो बोली- अब और ना तड़पाओ जल्दी से मेरी आग बुझा दो.मैंने देरी ना करते हुए उसे घोड़ी बनाया और अपना लंड उसकी चुत पर रख करएक धक्का दे मारा. उसकी चुत इतनी टाइट थी कि मेरा थोड़ा सा लंड उसकी चुत मेंही गया और उसकी मुँह से चीख निकल गयी.

वो बोली- आंह मर गई आह साहब आराम से मैं पूरे दिन तुम्हारी ही हूँ.ये सुन कर मैं और जोश में आ गया और फिर से एक ज़ोर का धक्का दे मारा. इसबार पूरा लंड उसकी चुत में घुसेड़ दिया. वो और तेज़ से चीख पड़ी.मैं उसकी चिल्लपौं पर ध्यान ना दे कर ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा. पहलेतो वो दर्द में कराह रही थी, पर फिर वो मज़े ले कर अपनी गांड पीछे कर करकेचुदवाने लगी.करीब 20 मिनट धक्के देने के बाद हम दोनों ही एक साथ झड़ गए.मैं थोड़ी देर बेड पर लेटा रहा. फिर मैंने अपना लंड उसके हाथ में देदिया और उसके दूध चूसना चालू कर दिए. उसने भी पहले हाथ से, फिर मुँह मेंलंड लेकर एक बार फिर से मेरे लंड को खड़ा कर दिया. मैंने इस बार उसे दूसरीपोज़िशन में पेलना चालू किया. लेटे लेटे थोड़ी देर बाद मैंने अपना लंड उसकीचुत से निकाल लिया.वो बोली- क्यों निकाल लिया और चोदो मुझे. bua ki chudai kahani

भाभी बिल्कुल अपने चरम पर थी. मैं भी बहुत हरामी था. मैंने उससे कहा- मुझे अब तुम्हारी गांड लेनी है.उसने कहा- कुछ भी लो बस चोदो मुझे.मुझे बस यही सुनना था. मैंने देरी ना करते हुए मैंने उसकी गांड में पहलेचिकनाई लगाई और अपने लंड पर भी लगा ली. फिर धीरे से उसकी गांड में अपनालंड डाला.पहले झटके में लंड थोड़ा अन्दर गया. वो बहुत तेज़ चिल्लाई. उसकी आंखों से आंसू भी आ गए.वो दर्द से बोली- आह मर गई … बहुत दर्द हो रहा है यहां से निकालो बहुत दर्द हो रहा है. hindi chudai story

मगर अब मैं कहां सुनने वाला था. मैंने अपना पूरा लंड उसकी गांड में घुसा दिया.आ हा क्या मस्त गांड थी … इससे पहले किसी ने उसकी गांड नहीं ली थी. वो रोती रही और चिल्लाती रही- नहीं यहां नहीं.पर मैंने अपने धक्के चालू कर दिए. शुरू में तो उसे दर्द हुआ, पर बाद में वो भी मज़ा लेने लगी.करीब 15-20 मिनट गांड मारने के बाद मैं उसकी गांड में ही झड़ गया.अब मैं उसके ऊपर ही लेट गया.वो बोली- ऐसे आज तक मुझे किसी ने नहीं चोदा … तुमने आज मेरी प्यास बुझादी है साहेब अब मैं तुम्हारी हो गई हूँ जब चाहो मुझे चोद लेना.

मैंने उससे कहा- तुम सुबह सुबह रोज मेरे लंड पर सवारी कर लिया करो.उसने हामी भर दी.दोस्तो, उस दिन मैंने उसे 5 बार चोदा और अपनी सेक्स की हवस को ख़त्म किया.तब से वो हफ्ते में चार दिन सुबह सुबह मेरे लंड की सवारी कर लेती औरमुझे चुत का मजा दे देती. कभी कभी वो मुझे लंड चूस कर भी मजा दे देती.लेकिन जब कभी मुझे देर तक चुदाई करने का मन करता, तो मैं अपनी काम वालीभाभी को अपने दोस्त के घर ले जाता था और उसे दो तीन घंटे तक चोद कर मजा लेलेता था. वो भी मुझसे बहुत खुश है.

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